
दोस्तों भारतीय रसोई के मसाले बहुत ही अद्भुत होते है इनका स्वाद और खुशबू लाजबाब होती है इसके अलावा इन मसालों का हमरी सेहत केसाथ जो कनेक्शन है वो चमत्कारी है
आज बात करते हैं करायल की जो ब्लैक सीड के नाम से भी जाना जाता है करायल में सेहत का खजाना छुपा है इसका उपयोग भारतीय रसोई में किया जाता है
करायल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
करायल में क ई प्रकार के आवश्यक लवण और पोषक तत्व होते हैं इसमें आयरन ,पोटैशियम,कैल्सियम ,सोडियम और फाइबर होता है खनिज की अच्छी मात्रा होती हैं एन्टीआक्सीडेन्ट की मात्रा पाई जाती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनता है
मगरैल के फायदे
आखों के लिए
कलौंजी के सेवन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। खासतौर से अगर आंखों से पानी आने या फिर आंखों बार-बार की लाल होने की समस्या आती है, तो इसका सेवन करना चाहिए। यह मोतियाबिंद जैसी परेशानी को को भी ठीक करने की ताकत रखती है
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए
युवा वर्ग की स्मरण शक्ति बढ़ती है और काम में फोकस करने में आसानी होती है। कलौंजी के साथ, थोड़ा शहद मिला कर खाने से काफ़ी फ़ायदा होता है, अगर इसे गर्म पानी में पिया जाए, तो और भी लाभ दायक होता है
अस्थमा और खांसी में लाभदायक
अस्थमा और खांसी जैसी बीमारी होने पर अगर कलौंजी का सेवन, लगातार दो महीने तक किया जाये,तो इसके परिणाम संतोषजनक होते हैं
हृदय रोग में लाभदायक
हैरान कर देने वाली बात है, लेकिन सच है कि कलौंजी का सेवन हृदय रोगों से मुक्ति दिलाता है। आयुर्वेद के अनुसार अगर कलौंजी का सेवन गाय के दूध या बकरी के दूध के साथ करें, तो एक हफ़्ते में ही काफी आराम मिलता है।
प्रसव के बाद मगरैल के फायदे

बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं की शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए लाभदायक होता है इसको रोस्ट करके पीस कर इसमें कच्चा गुण घी और ड्राई फ्रूट मिला कर लड्डू बनाकर खिलाते हैं इससे महिलाओं की शारीरिक कमजोरी दूर होती हैं इसके पोषक तत्व महिलाओं के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता और दूध की मात्रा क्वालिटी भी बढ़िया होती है
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
कलौंजी में ऐसे कई तत्व होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं।आयुर्वेद के अनुसार माना जाता है कि अगर लगातार तीन महीने तक, हर दिन दो से तीन ग्राम तक इसका सेवन किया जाए, तो गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ते में मदद मिलती है
वजन कम करने में सहायक होता है
जो लोग अपना वज़न कम करना चाहते हैं, उन्हें भी एक्सपर्ट्स कलौंजी का सेवन करने की राय देते हैं। क्योंकि , इसमें एंटी-ओबेसिटी वाले गुण होते हैं, जिससे वज़न घटाने में काफी आसानी होती है। इसके तेल का इस्तेमाल वज़न घटाने वाले मसाज में किया जाता है।
शुगर की बीमारी में लाभदायक होता है
मगरैल की ख़ासियत यह भी है कि इसे डायबिटीज़ के रोगी भी खा सकते हैं। डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए कलौंजी का तेल काफी प्रभावशाली होता है। ऐसे में इसका सेवन ब्लैक टी में करना चाहिए।
मुहासो और फेस की टैनिग हटाने में मदद करता है
अगर आप मुंहासे या पिग्मेंटेशन जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपको कलौंजी के सेवन से फ़ायदा मिलेगा। कलौंजी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं और यह एंटी-इंफ्लेमेटरी भी होता है। इसके लिए 2 चम्मच नींबू के रस में कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह- शाम लगाएं। इससे चेहरे के दाग-धब्बे भी साफ हो जाती है कलौंजी चेहरे की टैनिंग हटाने में भी सहायक होता है, इसके लिए दो चम्मच कलौंजी पाउडर, संतरे का रस, पांच बूंद लेमन ऑयल मिलाएं और फिर उसे चेहरे पर लगा कर दस मिनट तक रहने दें, फिर चेहरा धोएं, चेहरा निखर जायेगा।
आयली और ड्राई स्किन में लाभकारी
कलौंजी ऑयली स्किन के साथ-साथ, ड्राई स्किन के लिए भी काफी अच्छी होती है। इसके लिए एक चम्मच कलौंजी पाउडर, एक चम्मच ओट्स, आधा चम्मच शहद, मिलाकर आधा चम्मच बादाम तेल और दूध की क्रीम मिला कर एक मास्क तैयार कर लें और फिर उसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इससे चेहरा दमक उठेगा
बालों के लिए लाभदायक होता है
कलौंजी के तेल को बालों के लिए भी लाभदायक माना गया है। माना गया है कि बालों को झड़ने से रोकने के लिए इसके तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। कलौंजी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बालों को झड़ने से बचाते हैं और उन्हें मज़बूती देते हैं। इसलिए इसके तेल से रोज़ाना स्कैल्प पर मालिश करनी चाहिए और कलौंजी का पेस्ट बालों में लगाना चाहिए।
कलौंजी बालों की कंडीशनिंग के लिए भी बहुत अच्छा होता है। यह सिर में नमी बनाये रखता है। इसलिए, जिनके बाल रुखे होते हैं, उन्हें इसके तेल को लगाने की राय दी जाती है।
कलौंजी को पानी में भिगो कर पेस्ट बनाए और बालों पर लगा कर आधा घंटा छोड़ दे फिर माइल्ड सेम्पू से धो ले
मगरैल के नुकसान
की राय होती है कि गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि अब तक इसके प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह किस हद तक सुरक्षित है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेने पर ही इसका सेवन करें।यह भी देखा गया है कि कलौंजी में थाइमोक्विनोन पाए जाते हैं और इसकी मात्रा बढ़ जाने से कई बार ब्लड क्लॉट हो जाता है। ऐसे में कलौंजी का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति पित्त से परेशान है या फिर वह बहुत गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, तब भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पेट में बहुत जलन हो तब भी इसका सेवन न करें।
जिन महिलाओं को पीरियड देर से आने की प्रॉब्लम है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर उन महिलाओं को भी नहीं, जिन्हें अधिक पीरियड होते हैं
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