वक़्त और क्रोध

दोस्तों आज मैं एक ऐसे विषय परविचार रख रही हूँ जिससे हर कोई सहमत नहीं हो सकता । दोस्तों , क्रोध एक ऐसी ऊर्जा है जो इंसान को अन्धा कर देती और उसके सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है

इसलिए क्रोध नही करना चाहिए यह अच्छा नहीं होता लेकिन मेरा मानना है कि क्रोध करना भी नुकसान दायक है और न करना भी नुकसान दायक है हमने किताबों में पढ़ा है कि क्रोध करना कायरता की निशानी है दुर्बल मानसिकता को दर्शाता है लेकिन दोस्तों ये सही नहीं विद्वानों ने ए तो बता दिया कि क्रोध ए है वो है क्रोध से बचने का उपाय भी बताया योग करो ठंडा पानी पी लो क्रोध खत्म हो जाएगा लेकिन दोस्तों ऐसा होता नहीं। आपने कभी ए सोचा कि क्रोध आता क्यों है क्रोध एक ऐसी ऊर्जा है जो हर इंसान के पास होती है। दोस्तों इसका कारण है वक़्त ,समय और सिचुएशन समय के साथ क्रोध की परिभाषा बदल जाती है अब आपको लग रहा होगा की मैं कहना क्या चाहती हूँ ।तो मैं यहाँ आप लोगों को बताती हूँ की क्रोध क्यों करना चाहिए ??

क्रोध न करने से

दोस्तों महाभारत तो सबने देखा है भीष्म पितामह को तो सब जानते हैं भीष्म पितामह के जीवन की एक ही गलती थी क समय पर उनको क्रोधनही आया जब द्रौपदी को भरे दरबार में नंगा करने की कोशिश की म स्वरूप महाभारत के युद्ध में हारने के बाद बाणो की सैय्या पर लेटना पड़ा संसार में घृणा के पात्र बने ।अगर पितामह को समय पर क्रोध आता तो दुर्योधन इतनी गलतियाँ नही करता और इतना बड़ा बिनास नहीं होता पितामह को द्रौपदी की मदद न कर पाने का पश्चाताप न करना पड़ता दोस्तों विद्वान कहते है कि क्रोध करना कायरता की निशानी है दुर्बल मानसिकता को दर्शाता लेकिन जब एक माँ अपने उदंड बालक को सही राह पर लाने के लिए क्रोधित होत है तो उस को कायरता की श्रेणी में नहीं रख सकते अपनी आत्मरक्षा के लिए किया गया क्रोध दुर्बल मानसिकता को नही दर्शाता है क्रोध कब करना चाहिए कब नहीं यह समय पर डिपेंड करता है क्रोध को उत्पन्न करने वाले कारक पर निर्भर करता है अब वक़्त देख कर क्रोध नही आता ।जटायु ने वक़्त पर क्रोध किया और सीता को छुड़ाने के लिए रावण से भिड़ गया इस युद्ध के परिणाम स्वरूप जटायु को भगवान राम की गोद मिली एक तुच्छ से पक्षी को समाज में यश सम्मान मिला पितामह जैसे योद्धा को वक़्त पर क्रोध न करने से समाज में यश और सम्मान नहीं तिरस्कार मिला इसलिए दोस्तों क्रोध का मेन पाइंट है वक़्त अगर वक़्त सही है तो वक़्त पर किया गया क्रोध भी अच्छा होता है और अगर क्रोध का परिणाम बुरा हो तो क्रोध का दोष नहीं वक़्त का दोष है क्रोध को उत्पन्न करने वाले कारक का दोष है दोस्तों क्रोध नही करना चाहिए यह अच्छा नहीं होता है ?? यह चर्चा आप को कैसी लगी जरूर बताएं ।

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