प्रश्न नारद का

पर हित सरस धर्म नहीं भाई ।पर पीड़ा सम ही अधमाई ।। दोस्तों इस लाइन का अर्थ है ।दूसरों की भलाई करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है और दूसरों को पीड़ा पहुंचाने से बड़ा कोई अधर्म नहीँ है यानी अपने जीवन को जीने के लिए किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए निस्वार्थ भाव से प्राणी और समाज के हितार्थ कार्य करना चाहिए दोस्तों आज मैं आपको सबको नारद जी का एक प्रश्न बताते हैं जो अपने पिता ब्रह्मा जी से करते नारद जी एकबार भ्रमण करते करते पाताल लोक…

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पवित्र पावन रक्षाबंधन

दोस्तों भाई बहन के प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें दोस्तों आज के पोस्ट मे कुछ बातें रक्षाबंधन की सावन की रिमझिम फुहार के बीच खुशियों का पर्व रक्षाबंधन हर्ष उल्लास की छटा विखेरने आ गया दोस्तों हमें इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता रहता है सुबह से ही घर में मिठे पकवानों की खुशबू फैल जाती है दोस्तों मानव जीवन रिश्तों का मेला है लेकिन भाई बहन का रिश्ता अतुल्य होता है इस एक रिश्ते कभी प्रेम तो कभी शरारत कभी शिकायत तो कभी सुरक्षा…

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हरी चूड़ियों का महत्व

सखियों का सावन माँ की बलैइया भाभी की मनुहार भाई बहन की ठिठोली मन को पुलकित करने लगता है ऐसा लगता है जैसे खुशियों के पर लग गए हैं घरों में हरदिन पर्व जैसा माहौल रहता है लेकिन क्या किसी ने उस खुश नुमा माहौल में ए नोटिस किया है अधिकांश औरतें अपने सिंगार में हरा रंग का इस्तेमाल करती हैं आइये बात करते हैं की सावन के महीने में हरी चूड़ी का महत्व अखंड सौभाग्य का प्रतीक हरा रंग खुशहाली प्रगति और सम्पन्नता का प्रतीक है हमारे हिन्दू धर्म…

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झूठ की पराकाष्ठा

दोस्तों मन व्यथित सा हो जाता है यह जान कर की हमारे आस-पास झूठ की ऐसी दीवारें खड़ी है जिन्हें न हम गिरा सकते है न बदल सकते हैं बस मूक दर्शक बने देख ते रहना है हम बात कर रहे हैं अपने देश की न्यायिक व्यवस्था की सपथ समारोहों की जहा पर हमारे धार्मिक ग्रंथों का सम्मान केसाथ अपमानित किया जाता है गीता पर हाथ रख कर कसम खाते हैं की फलां ,,,,,,,,,,,,फलाना गवाह के रूप में प्रस्तुत किया गया गवाह आकर झूठ बोलेगा या सत्य हमें पता ही…

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शिव को कैसे चढ़ाए बेल पत्र

। ओम् नमः शिवाय दोस्तों सावन का पवित्र महीना चल रहा है शिव भक्तों का पावन दिन होता है घरेलू पूजा के अलावा शिव ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और कांवर चढ़ा ने की श्रद्धा बढ़ जाती है शिव जी की भक्ति में लीन भक्त समुदाय शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जतन भी करते हैं शिव जी को चढ़ाई जाने वाली सामग्रियों में बहुत ही प्रिय बेल पत्र है दोस्तों हमारे शाश्त्रो मे चार प्रकार के बेल पत्र का वर्णन है हमारे आस-पास सामान्यतः तीन पाती वाला ही बेल…

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केतकी का फूल शिव को अप्रिय क्यों है

दोस्तों सावन का महीना आते ही शिव भक्त पूजा अर्चना में लग जाते है भगवान के भक्त प्रभु को प्रसन्न करने के लिए अनेकों जतन करते हैं उनकी पसंदीदा सामग्री को चढ़ा ना वैसे भी सावन में भगवान शिव अपने रूद्र अवतार में संसार की रक्षा करते हैं तो भगवान रूद्र शंकर जी का स्वभाव थोड़ा सख्त होता वह जल्दी नाराज भी होते हैं और प्रसन्न भी वैसे भगवान भोले भंडारी बड़े भोले है लेकिन दोस्तों एक ऐसा पुष्प है जो शिव जी को पसन्द नहीं है शिव जी की…

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शंकर जी क्यों बने हनुमानजी

दोस्तों आज का तथ्य स्मरणीय है हमारे आराध्य देव शिव से जुड़ा है दोस्तों हम वर्तमान समय में हर घर मे पूजी जाने वाली रामचरित मानस में वर्णित हनुमानजी के बारे में है ।हनुमानजी के द्वारा लंका दहन को दर्शाया गया है ।की रावण माता सीता को लंका ले गया हनुमानजी माता सीता को खोजते हुए लंका में पहुँचे और रावण के पुत्र समेत राक्षसों को मार दिया फिर मेघनाध ने नागपाश में बाँध कर दरवार में ले जाता है और ।हनुमानजी की पूँछ में आग लगी और लंका जल…

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बदलता परिवेश

हम हमारे रहन सहन शिक्षा हमारी नैतिक मूल्यों की पहचान है हमारे जीवन शैली में इतना परिवर्तन आ गया है हम अपने नैतिक संस्कार को साइड में रखकर आगे बढ़ने की दौड़ में शामिल है इह आपाधापी की जिंदगी में हमें अपनी मंजिल तक का पता नहीं है लेकिन आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल है हम अपने घर समाज और आस-पास ऐसा रहन सहन बना लिए हैं जो एक अंधी खाई में लेकर जा रहा है हमारा देश 15अगस्त 1947 मे आजाद हुआ लेकिन हमारी जीवन शैली आज भी…

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सावन में धरती सुहागन हुई

सावन बहुत ही सुहाना महीना है धरती की शोभा बढ़ने की मेन वजह है वर्षा और वर्षा लिए सावन से बढ़िया कोई महीना नहीं ऐसा प्रतीत होता है कि सावन में धरती सुहाग का हरा जोड़ा पहन कर रंगीन फूलों से सजी हुयी अपने ससुराल प्रकृति के घर जा रही है मानो आज धरती के घर हरियाली बारात लेकर आई है आसमान के उड़ते बादल जैसे बारात का स्वागत करने को आतुर है पेड़ों पर आए हरे, हरे पत्ते मेहमान नवाजी कर ने को तैयार हो जब विजली कड़कती है…

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मरता एहसास

दोस्तों मुझे लगता है कि एहसास मर रहा है ऐसा लगता है की किसी को किसी से मतलब नहीं एहसास मर चुका भावनाएँ थक गई है बस इंसान काम की मशीन बन गया बस का म से मतलब नही तो कोई नहीं बहुत ईर्ष्या और द्वेष झूठ फँसा मनुष्य दया का पात्र बनता जा रहा है क्षमा करूणा त्याग आदर सम्मान प्रेम कही नजर नहीं आता नजर आते हैं स्वार्थ जैसे इंसान का एहसास ही मर गया हो दोस्तो इंसान का मन बहुत ही चंचल होता है हर-पल कुछ न…

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