शंकर जी क्यों बने हनुमानजी

दोस्तों आज का तथ्य स्मरणीय है हमारे आराध्य देव शिव से जुड़ा है दोस्तों हम वर्तमान समय में हर घर मे पूजी जाने वाली रामचरित मानस में वर्णित हनुमानजी के बारे में है ।हनुमानजी के द्वारा लंका दहन को दर्शाया गया है ।की रावण माता सीता को लंका ले गया हनुमानजी माता सीता को खोजते हुए लंका में पहुँचे और रावण के पुत्र समेत राक्षसों को मार दिया फिर मेघनाध ने नागपाश में बाँध कर दरवार में ले जाता है और ।हनुमानजी की पूँछ में आग लगी और लंका जल गई लेकिन ए सामान्य सच है

लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों में बहुत ही ,रोचक संस्मरण है

दोस्तों आज आप को बताएं कि वह कथा क्या है

हनुमानजी शिव जी का अवतार है शिव और माता पार्वती का।रूप है हमारे बजरंगबली हुआ यूं कि एकबार माता पार्वती की इच्छा से भगवान भोले नाथ ने कुबेर से कह कर सोने का महल बनवाए लेकिन वह महल रावण को बहुत पसंद आया तो रावण ने एक चाल चली गृह प्रवेश की पूजा करवाने के लिए ब्राह्मण का वेश धारण कर चला जाता है और पूजा कराने के बाद दक्षिणा में सोने का महल माँग लेता है

लेकिन रावण सोचता है की भगवान शिव ने यह महल माता पार्वती के लिए बनवाया था तो उनकी इच्छा के बिना यह मेरे लिए शुभ नही होगा तो उ सने माता पार्वती को भी माँग लिया

और भोले भंडारी ने खुशी खुशी दे दिया अब माता पार्वती हैरान-परेशान दुखी हो कर भगवान विष्णु का स्मरण करने लगी

तब विष्णु जी आकार माता पार्वती की रक्षा की अब माता पार्वती जी रूष्ट हो जाती है तब भोले नाथ उन्हें मनाते हुए वचन दिया कि त्रेता युग में मै वानर के रूप जन्म लूगा तब तुम मेरी

पूँछ बन जाना और ,राशण को दंडित कर देना जब मैं ।माता सीता को छुड़ाने के लिए इसी स्वर्ण महल जाऊं गा तो तुम रावण की लंका में आग लगा कर उसे उसके अपराध के लिए दंडित कर लेना

तो दोस्तों आज का यह प्रसंग शिव को हनुमान अवतार और लंका दहन का असली कारण है

दोस्तों यह पोस्ट आप को कैसी लगी कॄपया अपनी प्रक्रिया जरूर दे ?

अगले पोस्ट में हम केतकी का फूल शिव को अप्रिय क्यों है इसके बारे में बात करेंगे ?

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2 Thoughts to “शंकर जी क्यों बने हनुमानजी”

  1. Arpit Dwivedi

    Har har mhadev

  2. Good post. I certainly appreciate this website. Continue the good work!

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