घर के बाहर आज काफ़ी भीड़ थी लोगों को किसी का इंतजार था घर रिश्तेदारों का आना भी शुरू हो गया था साथ ही सुधा के पति विजय की गाड़ी आ गयी लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी सहित गेट से अंदर आ गये ।उनको मालूम था कि रमन को आने में अभी टाइम है तब तक हम फ्रैश हो कर चाय पी लेते हैं ।गाड़ी से उतर कर आ अंदर जाने के लिए बढ़े तो मालूम हुआ कि मेहमान पहुँच गए हैं अंदर दाखिल होने पर सुधा सुधा आवाज़ लगाई लेकिन कोई जबाब नहीं जबकि ऐसा कोई दिन नहीं गया की घर आने पर सुधा उनको गेट पर न मिली हो विजय ऊपर जाने लगे सायद सुधा ऊपर अपने कमरे थी ऊपर जाकर देखा तो सुधा गहरी नींद में सो रही थी उन्होंने सुधा को सोने जबकि विजय को पता था कि ये वक़्त सुधा के सोने का नहीं था लेकिन सूकून की नींद देख कर जगाया नहीं जल्दी से फ्रैश हो कर नीचे आ गये । नीचे घर में काफी भीड़ थी सब बात करने के लिए आतुर थे बड़ी बुआ बार बार सुधा को बुला रही थी लेकिन सुधा किसी को मिलना नहीं चाहती थी उसका बेटा आज एक साल बाद घर आ रहा है जिसके स्वागत में पूरा शहर खड़ा है अचानक सुधा का मोबाइल बजा और सुधा की नींद खुल गई फोन पर रमन बोल रहा था माँ मै पहुँच गया बस दस मिनट में सुधा ने घड़ी पर निगाह डाली पाँच बजे थे सुधा ने जल्दी से फ्रैश हो कर नीचे आई और रमन की आरती की थाली सजाने लगी विमला घर की नौकरनी को आवाज़ लगाई विमला थाली में चावल और कुंमकुम डालो भइया आ गये हैं जैसे ही सुधा ने बोला घर में सब बाहर की ओर दौड़ पड़े विजय ने मुस्कुराते हुए सुधा की तरफ देखा सुधा का चेहरा खुशी से दमक रहा था जैसे कोई मोती हो ।आज सुधा को उसकी तपस्या का फल मिल गया है आज उसका बेटा इसी शहर में dm की पोस्ट पर ज्वाइनकर ने के लिए आया है अब सुधा के घर के बाहर मीडिया की भीड़ भी पहुँच गयी ग रमन ने ISपरीक्षा में पहली बार में ही पहली रैंक हांसिल कर लिया और अपने शहर में ही डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनकर आ गया ।
रमन पुलिस की सुरक्षा में अपने घर पहुँचा सब बड़े अदब के साथ सम्मान दे रहे थे माँ ने आरती उतारी टीका किया और गले लगा कर रो पड़ी मीडिया के कैमरे दना-दन फ्लैस कर रहे थे रमन ने माँ को चुप कराया कैमरे हर मूमेन्ट को कैप्चर कर रहे थे अब सुधा कुछ सम्हली तो माइक लेकर एक लड़की रमन के सामने आ गयी और कुछ संदेश देने के लिए आग्रह करने लगी की आप इस पड़ाव तक कैसे पहुँचे कहाँ से प्रेरणा मिली तो रमन ने बताया कि प्रेरणा मेरे माता पिता से मिली और मैने मेहनत की रिजल्ट आप के सामने है ।
अब मीडिया का माइक सुधा जी के तरफ था लड़की ने कहा मैम आप को कैसा लग रहा है क्या आप कुछ कहना चाहेगी और माइक सुधा जी के हाथों में था सुधा ने एक नज़र अपने आए हुए परिवार पर डाली उसकी नजर ठहर सी गई सुधा ने कहा कि अगर हम पारिवारिक तनाव से हटकर सोचे तो वाकई बहुत बड़ी कामयाबी का हिस्सा बन सकते हैं सुधा ने अपने जीवन के संघर्ष को अपने शब्दों में बताते हुए उनका गला भर आया उन्होंने ने बताया कि जब से मैं इस परिवार में बहुत सारे ताने उलाहने मैने झेला यहाँ तक की आपके इन साहब को पागल कह कर बुलाते थे और आज वही लोग उसी पागल की एक झलक पाने के लिए बेताब है सुधाजी ने कहा कि मैंने कभी किसी को जबाब नहीं दिया ।क्योंकि मेंरे पिता जी कहते थे कि हर बात का जवाब तुरंत नहीं देना चाहिए कुछ बातो का जवाब वक़्त देता है और आज ए वक़्त ही मेरा जबाब उन लोगों के लिए है जिन्होनें अपना समय दूसरो को भला बुरा कहने मे बर्बाद करदिया अपने लिए वक़्त ही नहीं मिला सारा जीवन दूसरो की कमियां बताने में लगा दिये और मै उन माँओ से कहना चाहती हूँ जिनके घर में इस तरह का माहौल है तो ध्यान जबाब देने लड़ाई करने में बर्बाद न करे उस समय को अपने बच्चों के परवरिश पर लगाएँ तो में रा विश्वास यही कहता है कि हर माँ की जीत होगी जैसे आज मेरी हुई है मुझे ऐसे लोगों पर दया आती है क्रोध नही आता जो दूसरो की कमियां बताने का कष्ट करते हैं ।अरे मै ने तो चार शब्द की जगह भाषण ही दे दिया सुधा जी ने मुस्कुराते हुए कहा । और एक बात और मै तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ जो मेरी खुशी में सामिल हुए सबको धन्यवाद । इतना कहकर माइक देने लगी तो कैमरे चमक उठे सुबह की हर अखबार में सुधा जी का विचार छापा गया अब सुधा जी का सम्मान करते वही लोग नही थकते ।।